एशिया कप 2025: भारतीय टीम की घोषणा और मचे बवाल

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भारत की क्रिकेट टीम एशिया कप 2025 के लिए घोषित हो चुकी है और हमेशा की तरह इस बार भी चयन के बाद कई सवाल और चर्चाएँ सामने आ रही हैं। टीम में कुछ खिलाड़ियों की वापसी ने फैंस को खुश किया है, तो वहीं कुछ बड़े नामों की गैरमौजूदगी ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है।


कप्तानी और नेतृत्व में बदलाव

इस बार टीम की कमान सूर्यकुमार यादव को सौंपी गई है। उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी और तेज़ सोचने की क्षमता को देखते हुए चयनकर्ताओं ने उन्हें कप्तान बनाने का फैसला किया। उपकप्तान की ज़िम्मेदारी शुभमन गिल को दी गई है। यह कदम इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि गिल को भविष्य का “लॉन्ग-टर्म लीडर” तैयार करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

गिल ने पिछले कुछ सालों में शानदार बल्लेबाज़ी के साथ-साथ नेतृत्व क्षमता भी दिखाई है। IPL और इंटरनेशनल क्रिकेट दोनों में उनका प्रदर्शन लगातार स्थिर रहा है। यही वजह है कि गिल को इस बड़ी जिम्मेदारी के लिए चुना गया।


टीम में कौन-कौन शामिल?

चयनकर्ताओं ने 15 खिलाड़ियों का मुख्य दल चुना है। इनमें बल्लेबाज़, ऑलराउंडर और गेंदबाज़ों का अच्छा संतुलन नज़र आता है।

  • जसप्रीत बुमराह की वापसी सबसे बड़ी खुशखबरी रही। इंग्लैंड सीरीज़ में उन्हें आराम दिया गया था ताकि उनकी फिटनेस मैनेज की जा सके।

  • हार्दिक पांड्या एक बार फिर टीम में ऑलराउंडर की अहम भूमिका निभाएँगे।

  • कुलदीप यादव और अक्षर पटेल स्पिन विभाग संभालेंगे, जबकि तेज़ गेंदबाज़ी में अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया है।

  • बल्लेबाज़ी में ऋतुराज गायकवाड़, तिलक वर्मा, रिंकू सिंह, अभिषेक शर्मा और उपकप्तान गिल पर नज़रें रहेंगी।

  • विकेटकीपिंग के लिए संजू सैमसन और जितेश शर्मा को शामिल किया गया है।


किन खिलाड़ियों को नहीं मिली जगह?

सबसे ज़्यादा चर्चा श्रेयस अय्यर और यशस्वी जायसवाल के बाहर होने को लेकर है। दोनों ने हाल ही में शानदार प्रदर्शन किया था, खासकर IPL में। अय्यर का अनुभव और जायसवाल की आक्रामक बल्लेबाज़ी किसी भी टीम को मज़बूत बना सकती है। लेकिन इस बार दोनों को केवल रिज़र्व लिस्ट में ही रखा गया है।

फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स इसे लेकर नाराज़ हैं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने आरोप लगाया कि चयन में “पसंद-नापसंद” ज़्यादा दिखी है, न कि प्रदर्शन। पूर्व क्रिकेटर अभिषेक नायर तक ने बयान दिया कि, “कभी-कभी चयन खिलाड़ियों की पसंद पर ज़्यादा निर्भर हो जाता है, शायद अय्यर को उतना महत्व नहीं दिया गया।”


विवाद और राजनीति की गूंज

टीम चयन के तुरंत बाद ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #JusticeForIyer और #BringBackJaiswal जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई फैंस का आरोप है कि गौतम गंभीर, जो टीम की रणनीति समिति में अहम भूमिका निभा रहे हैं, उन्होंने उन खिलाड़ियों को आगे बढ़ाया जिनके साथ उनका IPL कनेक्शन रहा है। रिंकू सिंह और हर्षित राणा जैसे खिलाड़ियों का चयन इसी वजह से सवालों के घेरे में आ गया।

पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने भी चयन समिति पर नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि दो “X-Factor” खिलाड़ी टीम में ज़रूर होने चाहिए थे, जिन्हें नज़रअंदाज़ किया गया है। हालांकि उन्होंने सीधे नाम नहीं लिए, लेकिन फैंस ने इसे अय्यर और जायसवाल से जोड़ दिया।


रणनीति और भविष्य की सोच

अगर विवादों को अलग रखें तो इस टीम में भविष्य की झलक भी दिखाई देती है। गिल को उपकप्तान बनाना, संजू सैमसन को भरोसा देना, और तिलक वर्मा-रिंकू सिंह जैसे युवा बल्लेबाज़ों को मौका देना साफ दिखाता है कि BCCI अब अगले T20 वर्ल्ड कप 2026 की तैयारी कर रहा है।

संजू सैमसन को लेकर सुनील गावस्कर ने कहा कि भले ही वो ओपनिंग नहीं करें, लेकिन नंबर 5 या 6 पर उनकी उपयोगिता टीम को संतुलन देगी। यह बयान यह दर्शाता है कि टीम मैनेजमेंट उन्हें “फिनिशर रोल” में देखना चाहता है।


टूर्नामेंट का महत्व

एशिया कप 2025 सिर्फ एक क्षेत्रीय टूर्नामेंट नहीं है। यह भारत के लिए वर्ल्ड कप से पहले अपनी कमियों और ताकतों को परखने का मौका भी है। भारत ग्रुप स्टेज में सबसे पहले मेज़बान UAE से भिड़ेगा और इसके बाद पाकिस्तान के साथ हाई-वोल्टेज मैच खेलेगा।

भारतीय टीम के लिए एशिया कप हमेशा ही “प्रेसर टेस्ट” रहा है। पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी टीमें भारत के खिलाफ अतिरिक्त जोश के साथ उतरती हैं। इसलिए यहाँ जीतना सिर्फ ट्रॉफी जीतना नहीं, बल्कि मानसिक बढ़त हासिल करना भी है।


निष्कर्ष

भारतीय टीम का एशिया कप 2025 का दल कई मायनों में रोमांचक भी है और विवादों से घिरा हुआ भी। एक ओर बुमराह और हार्दिक की वापसी से टीम मजबूत नज़र आती है, वहीं अय्यर और जायसवाल जैसे खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी से सवाल उठ रहे हैं।

अब असली कसौटी मैदान पर होगी। अगर यह टीम अच्छा प्रदर्शन करती है तो शायद ये सारी आलोचनाएँ पीछे छूट जाएँगी। लेकिन अगर नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आए, तो चयन समिति को इन फैसलों का जवाब ज़रूर देना पड़ेगा।

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