टैटू बनवाना आमतौर पर सुरक्षित होता है अगर इसे किसी प्रशिक्षित और लाइसेंस प्राप्त टैटू आर्टिस्ट से करवाया जाए। लेकिन फिर भी इससे कुछ स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं:
1. संक्रमण (Infection)
अगर टैटू बनाने वाले उपकरण अच्छी तरह से साफ़ नहीं किए गए हों, तो इससे बैक्टीरियल संक्रमण, हेपेटाइटिस या एचआईवी जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
2. *एलर्जी (Allergic Reaction)*:
कुछ लोगों को विशेष रूप से लाल रंग की स्याही से एलर्जी हो सकती है, जिससे खुजली, सूजन या चकत्ते हो सकते हैं।
3. *त्वचा की समस्याएँ (Skin Problems)*:
टैटू से स्कार, केलॉइड्स (उभरे हुए निशान), या त्वचा में सूजन हो सकती है।
4. *एमआरआई में समस्या (MRI Complications)*:
कुछ मामलों में टैटू वाली जगह पर एमआरआई स्कैन के दौरान जलन या सूजन हो सकती है क्योंकि स्याही में धातु के तत्व हो सकते हैं।
5. *विषैले तत्व (Toxic Inks)*:
कुछ टैटू स्याही में हानिकारक रसायन या भारी धातुएँ होती हैं, जो लंबे समय में नुकसान पहुँचा सकती हैं।
6. *रक्त जनित रोग (Bloodborne Diseases)*:
असुरक्षित तरीकों से टैटू बनवाने पर हेपेटाइटिस बी, सी या टेटनस जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
*सलाह*: टैटू बनवाने से पहले किसी प्रमाणित और स्वच्छता का ध्यान रखने वाले टैटू स्टूडियो का चयन करें।
7. *इम्यून सिस्टम पर असर (Impact on Immune System)*:
टैटू स्याही में मौजूद कुछ तत्व शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे सूजन या थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
8. *लिम्फ नोड्स में स्याही जमा होना (Ink in Lymph Nodes)*:
टैटू की स्याही लिम्फ नोड् (lymph nodes)में जम सकती है, जिससे डॉक्टर को कैंसर जैसी बीमारियों का गलत संदेह हो सकता है।
9. *गर्भावस्था के दौरान जोखिम (Risks During Pregnancy)*
प्रेग्नेंसी के दौरान टैटू बनवाना असुरक्षित हो सकता है, क्योंकि संक्रमण का खतरा माँ और बच्चे दोनों के लिए होता है।
10. *टैटू हटवाने के जोखिम (Tattoo Removal Risks)*
अगर बाद में टैटू हटवाना चाहो तो लेज़र ट्रीटमेंट से जलन, स्कारिंग, और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कभी-कभी टैटू पूरी तरह हटता भी नहीं है।
11. *दर्द और सूजन (Pain and Swelling)*:
टैटू बनवाते समय और उसके बाद कुछ दिनों तक तेज दर्द, जलन और सूजन हो सकती है, जो शरीर के संवेदनशील हिस्सों में ज़्यादा महसूस होती है।
12. *मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)*:
कुछ लोग टैटू के बाद “टैटू रिग्रेट” यानी पछतावा महसूस करते हैं, जो मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
13. *त्वचा के कैंसर की पहचान में दिक्कत (Difficulty in Detecting Skin Cancer)*:
टैटू स्किन पर मेलानोमा (skin cancer) जैसे लक्षणों को छुपा सकता है, जिससे सही समय पर उसका पता नहीं चल पाता।
14. *सर्जरी या मेडिकल प्रक्रिया में बाधा (Interference with Medical Procedures)*:
टैटू वाली त्वचा पर अगर कभी सर्जरी करनी हो, तो डॉक्टरों को समस्या हो सकती है – जैसे कि सटीक चीरा लगाने में या संक्रमण से बचाव में।
15. *रक्तदान में रुकावट (Delay in Blood Donation)*:
टैटू बनवाने के बाद आमतौर पर 6 से 12 महीने तक रक्तदान नहीं करने दिया जाता, खासकर अगर वह अनलाइसेंस्ड जगह से बनवाया गया हो।
16. *चमड़ी में स्थायी बदलाव (Permanent Skin Changes)*:
टैटू से त्वचा की बनावट बदल सकती है — जैसे कुछ जगहों पर त्वचा मोटी या सख्त हो जाना।
17. *सनबर्न की संवेदनशीलता (Sun Sensitivity)*:
ताजा टैटू वाली त्वचा धूप में ज़्यादा संवेदनशील हो जाती है, जिससे सनबर्न का खतरा बढ़ता है।
18. *दवाओं से प्रतिक्रिया (Drug Interactions)*:
अगर टैटू के बाद एंटीबायोटिक या दर्द निवारक दवाएं ली जाएँ, तो शरीर में कुछ असामान्य प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं, खासकर अगर एलर्जी हो।
19. *टैटू आर्टिस्ट की लापरवाही (Artist’s Negligence)*:
अगर टैटू आर्टिस्ट को त्वचा या संक्रमण से जुड़ी बीमारियों की जानकारी नहीं है, तो वो गलत तकनीक अपना सकता है जो नुकसानदेह हो सकती है।
20. *आटोइम्यून रिएक्शन (Autoimmune Reaction)*:
कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम टैटू इंक को विदेशी तत्व मानकर उस पर हमला करता है, जिससे जोड़ों में दर्द, थकान, या स्किन रैशेज हो सकते हैं।
21. *फोटोसेंसिटिव रिएक्शन (Photosensitive Reaction)*:
कुछ स्याही सूरज की रोशनी में रासायनिक प्रतिक्रिया कर सकती है, जिससे जलन या रैश हो सकते हैं – खासकर पीले और लाल रंग की स्याही से।
22. *टैटू के ऊपर फोड़े या मुँहासे (Boils or Acne on Tattoo)*:
टैटू वाली जगह पर स्किन के रोमछिद्र बंद हो सकते हैं जिससे मुंहासे या फोड़े हो सकते हैं, खासकर अगर साफ-सफाई ठीक से न हो।
23. *डर्मेटाइटिस (Dermatitis)*:
टैटू स्याही में मौजूद कुछ रसायन से त्वचा पर जलन या क्रोनिक खुजली हो सकती है, जो ठीक होने में हफ्तों लग सकते हैं।
24. *साइकोलॉजिकल प्रभाव (Psychological Impact)*:
कुछ लोग समाज या परिवार की प्रतिक्रिया के कारण टैटू के बाद शर्मिंदगी, तनाव या आत्म-गिल्ट महसूस कर सकते हैं।
25. *टैटू डिजाइन से जुड़ी पहचान का खतरा (Risk of Unwanted Identity Association)*:
कुछ टैटू (जैसे गैंग चिन्ह या धार्मिक चिन्ह) आगे चलकर समाज में गलत पहचान का कारण बन सकते हैं, जो मानसिक या सामाजिक दबाव ला सकते हैं।
26. *पुरानी बीमारियों पर असर (Effect on Pre-existing Conditions)*:
जिन लोगों को डायबिटीज, हृदय रोग, या स्किन एलर्जी हो, उनके लिए टैटू बनवाना अतिरिक्त जोखिम पैदा कर सकता है।
27. *टैटू स्याही का शरीर में फैलाव (Ink Migration)*:
कभी-कभी टैटू की स्याही त्वचा की निर्धारित परतों से बाहर जाकर आसपास की त्वचा में फैल जाती है, जिससे टैटू का आकार बिगड़ सकता है और अजीब दिखने लगता है।
28. *नींद पर असर (Impact on Sleep)*:
ताज़ा टैटू के बाद दर्द, जलन और खुजली के कारण नींद में खलल पड़ सकता है, खासकर अगर टैटू पीठ या साइड में हो।
29. *तापमान संवेदनशीलता (Temperature Sensitivity)*:
कुछ लोगों को टैटू वाली जगह पर ठंडी या गर्म चीज़ों से असामान्य संवेदनशीलता हो सकती है – जैसे गरम पानी से जलन या ठंडी हवा से चुभन।
30. *खेल या जिम एक्टिविटी पर असर (Impact on Physical Activity)*:
टैटू के बाद पसीना, घर्षण (friction) और टाइट कपड़े टैटू को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इससे healing धीमी होती है।
31. *स्किन टोन पर असमान रंग (Color Inconsistency on Dark Skin)*:
गहरे रंग की त्वचा पर कुछ टैटू रंग अच्छे से नहीं दिखते या समय के साथ मुरझा जाते हैं, जिससे टैटू खराब दिख सकता है।
32. *कानूनी या नौकरी संबंधी समस्याएँ (Legal or Job-Related Issues)*:
कुछ पेशों में टैटू को नकारात्मक माना जाता है (जैसे सेना, हॉस्पिटैलिटी या सरकारी सेवाएँ), जिससे नौकरी के अवसर कम हो सकते हैं।
33. *अन्य उपचारों के साथ हस्तक्षेप (Interference with Other Treatments)*:
स्किन पर किए गए कुछ ट्रीटमेंट — जैसे लेज़र हेयर रिमूवल या रेडिएशन थेरेपी — टैटू वाली त्वचा पर सुरक्षित नहीं माने जाते।