नई दिल्ली / मुंबई, 7 अगस्त 2025 –
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक जोरदार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा किया है कि महाराष्ट्र चुनावों में व्यापक पैमाने पर धांधली की गई है। राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने और उनकी पार्टी ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान अनेक अनियमितताएं दर्ज की हैं और उनके पास इसके पुख्ता सबूत भी मौजूद हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने कहा कि,
“ये सिर्फ चुनाव नहीं था, बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ एक षड्यंत्र था। हजारों-लाखों लोगों को उनके मताधिकार से वंचित किया गया। ये एक सुनियोजित चुनावी घोटाला है।”
राहुल गांधी ने इस दौरान कई दस्तावेज, वीडियो क्लिपिंग और वोटर लिस्ट की प्रतियां मीडिया को दिखाई, जिनमें बड़ी संख्या में वोटर लिस्ट से नाम गायब होना, फर्जी वोट डालना, और EVM मशीनों की निगरानी में चूक जैसे गंभीर आरोप शामिल थे।
मुख्य आरोपों का सारांश:
1️⃣ वोटर लिस्ट से लाखों नाम गायब:
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित वोटर लिस्ट में लाखों वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाए गए, जिनमें सबसे ज्यादा ग्रामीण, अल्पसंख्यक, दलित और पिछड़े वर्गों के लोग थे।
2️⃣ फर्जी वोटिंग के प्रमाण:
उन्होंने यह दावा किया कि कई इलाकों में एक ही व्यक्ति के नाम पर बार-बार वोट डाले गए, और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए बोगस वोटिंग करवाई गई।
3️⃣ EVM मशीनों में गड़बड़ी:
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कई मतदान केंद्रों पर EVM मशीनों की निगरानी ठीक से नहीं की गई। कुछ जगहों पर CCTV कैमरे बंद थे, जिससे मतगणना की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
4️⃣ चुनाव आयोग की निष्क्रियता:
राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने समय-समय पर चुनाव आयोग को इस बारे में अवगत कराया, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा था।
सबूतों के साथ पेश हुए राहुल गांधी:
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने जो सबूत पेश किए, उनमें शामिल थे:
वोटर लिस्ट की स्कैन कॉपियाँ, जिनमें मतदाताओं के नाम गायब थे।
वीडियो फुटेज, जिसमें फर्जी वोटिंग का प्रमाण दिखता है।
ऑडियो रिकॉर्डिंग्स, जिनमें स्थानीय अधिकारियों द्वारा गड़बड़ी की बात स्वीकारी गई।
स्वयंसेवकों की गवाही, जो चुनाव के दिन मतदान केंद्रों पर तैनात थे।
कांग्रेस की मांगें:
राहुल गांधी ने सरकार और चुनाव आयोग से निम्नलिखित मांगें की हैं:
स्वतंत्र जांच एजेंसी द्वारा पूरे चुनाव की निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
जिन क्षेत्रों में गड़बड़ियां पाई गई हैं वहां पुनर्मतदान (Re-Polling) कराया जाए।
चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली की संसदीय समिति द्वारा जांच की जाए।
विपक्ष का समर्थन:
राहुल गांधी के इस बयान के बाद अन्य विपक्षी दल जैसे एनसीपी (शरद पवार गुट), शिवसेना (उद्धव गुट), आप, और सपा ने भी समर्थन जताया है।
उन्होंने मांग की कि लोकसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए।
भाजपा और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहुल गांधी के आरोपों को “बेबुनियाद और निराधार” बताया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि,
“राहुल गांधी हार का सामना नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए लोकतंत्र को बदनाम कर रहे हैं।”
वहीं, चुनाव आयोग ने कहा है कि वो इन आरोपों की आंतरिक समीक्षा कर रहा है और यदि कोई साक्ष्य सामने आते हैं तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
जनता में चिंता:
राहुल गांधी की बातों से आम जनता में भी भ्रम और चिंता की स्थिति पैदा हो गई है। सोशल मीडिया पर #VoterFraud, #MaharashtraElections और #DemocracyInDanger जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
कई लोगों ने सवाल उठाया है कि यदि आम आदमी का वोट सुरक्षित नहीं है, तो लोकतंत्र का क्या भविष्य होगा?
निष्कर्ष:
राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं हैं। ये सवाल पूरे देश की चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या चुनाव आयोग और न्यायपालिका इस मुद्दे पर संज्ञान लेती है, या ये मामला राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक ही सीमित रह जाएगा।