: रक्षाबंधन 2025 में 95 साल बाद बन रहा अद्वितीय संयोग, बहनें बांधेंगी रात में राखी!
📅 रक्षाबंधन 2025 तिथि:
9 अगस्त 2025
🧵 क्या है ये 95 साल बाद का दुर्लभ संयोग?
रक्षाबंधन 2025 में ऐसा शुभ योग बन रहा है जो पूरे 95 वर्षों के बाद आया है। इस बार रक्षाबंधन पर पूर्णिमा तिथि, भद्रा समाप्ति और चंद्र उदय का ऐसा मेल है कि बहनें रात्रि में राखी बांधेंगी, जो बहुत कम देखने को मिलता है।
🌑 भद्रा का साया नहीं रहेगा
भद्रा काल, जो रक्षाबंधन पर राखी बांधने से मना किया जाता है, इस बार दिनभर रहेगा और संध्या के बाद समाप्त होगा। इसलिए रक्षाबंधन का श्रेष्ट मुहूर्त रात में होगा।
भद्रा समाप्ति: शाम 7:10 बजे (लगभग)
रक्षाबंधन मुहूर्त: रात 7:15 बजे से मध्यरात्रि तक
चंद्र दर्शन: रात्रि 8:00 बजे के बाद
🌕 क्या है इसका धार्मिक महत्व?
हिंदू धर्म में चंद्रमा का उदय और भद्रा की समाप्ति के बाद राखी बांधना बहुत शुभ माना जाता है। इस बार:
बहनें चंद्रमा के सामने दीप जलाकर भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी।
यह संयोग शताब्दी में एक बार आता है, जब पूर्णिमा, भद्रा समाप्ति और चंद्र दर्शन एक साथ रात्रि में होते हैं।
शास्त्रों में यह समय रक्षासूत्र बांधने के लिए सबसे उत्तम बताया गया है।
🕉️ ज्योतिषीय दृष्टिकोण
रक्षाबंधन का यह संयोग उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और सिंह राशि में बन रहा है।
यह नक्षत्र प्रेम, सौहार्द, भाईचारे और दीर्घायु का प्रतीक है।
रात में राखी बांधने से भाई की उम्र लंबी होती है और रिश्ते में स्थायित्व आता है।
📜 95 साल पहले कब बना था ऐसा संयोग?
पिछली बार ऐसा संयोग 1930 में बना था, जब रक्षाबंधन रात्रिकाल में भद्रा समाप्ति और चंद्र दर्शन के साथ मनाया गया था।
📸 इस मौके पर क्या करें:
रात्रि में दीपक जलाएं और भाई को दक्षिण की ओर बिठाकर राखी बांधें।
भाई बहन को उपहार दें और मिठाई खिलाएं।
चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना गया है।
रक्षाबंधन 2025 का ये दुर्लभ योग एक ऐतिहासिक अवसर है। 95 वर्षों में पहली बार बहनें रात्रि में राखी बांधेंगी, जो परंपरा, आस्था और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बेहद शुभ है। इस दिन का आनंद प्रेम, त्याग और संस्कारों के साथ लें।