तकनीकी गलती या बैंकिंग चमत्कार?
भारत की बैंकिंग प्रणाली में ऐसी घटनाएं बहुत कम होती हैं जब एक आम नागरिक रातों-रात अरबपति (या उससे भी ज़्यादा) बन जाए। लेकिन हाल ही में Noida के एक युवक के साथ ऐसा ही कुछ हुआ जब Kotak Mahindra Bank ने उसकी मृतक माँ के सेविंग्स अकाउंट में गलती से ₹1 अंडेसीलियन (Undecillion) रुपये ट्रांसफर कर दिए।
यह रकम इतनी बड़ी थी कि उसे शब्दों में व्यक्त करना भी मुश्किल है—और यह सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब एक राष्ट्रीय बहस का विषय बन चुका है।
घटना का विवरण: कैसे हुआ यह चमत्कार?
घटना अगस्त 2025 की है, जब एक 20 वर्षीय युवक ने बैंक में लॉगइन करके देखा कि उसकी माँ के अकाउंट में इतनी भारी रकम जमा है।
राशि थी: ₹ 1001356000000000000100235600000000299
(यानि ₹10 अंडेसीलियन से भी ज़्यादा)बैंक स्टेटमेंट में दिखा कि यह डिपॉजिट किसी क्लीयरिंग सिस्टम के माध्यम से आया है, जोकि कोडिंग मिस्टेक प्रतीत हो रहा है।
Kotak Mahindra Bank की प्रतिक्रिया
बैंक ने इसे तुरंत “तकनीकी त्रुटि (Technical Glitch)” बताया।
खाते को फ्रीज़ कर दिया गया ताकि कोई लेन-देन न हो सके।
IT विभाग और बैंकिंग सुरक्षा एजेंसियाँ इस गड़बड़ी की जांच में जुट गई हैं।
बैंक का यह भी कहना है कि ग्राहक का कोई दोष नहीं है और यह रकम वास्तव में सिस्टम बग का नतीजा है।
क्या यह पहला मामला है?
नहीं!
इससे पहले भी Chennai में ₹753 करोड़ गलती से एक फार्मेसी कर्मचारी के खाते में डिपॉजिट किए गए थे।
वर्ष | स्थान | जमा राशि | बैंक |
---|---|---|---|
2025 | Noida | ₹1 अंडेसीलियन | Kotak Mahindra Bank |
2023 | Chennai | ₹753 करोड़ | Kotak Mahindra Bank |
इन घटनाओं से यह साफ है कि बैंकिंग सिस्टम में ऑटोमेशन के साथ-साथ निगरानी की आवश्यकता भी उतनी ही ज़रूरी है।
अगर आपके साथ ऐसा हो तो क्या करें?
तुरंत अपने बैंक ब्रांच से संपर्क करें।
किसी भी रकम को खर्च न करें – यह कानूनी अपराध हो सकता है।
बैंकिंग पोर्टल पर लॉग सेशन का स्क्रीनशॉट रखें।
अपने नाम पर आए ऐसे फंड्स की रिपोर्ट बैंक और पुलिस दोनों को करें।
सोशल मीडिया और जन प्रतिक्रिया
यह घटना ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ट्रेंड करने लगी है। कई लोग इसे मज़ाक में ले रहे हैं और कह रहे हैं कि “Kotak Bank ने उसे Ambani से भी अमीर बना दिया।”
गलती से अमीरी का स्वाद, पर सच्चाई कठोर है
बैंकिंग क्षेत्र में ऐसी घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि डेटा एंट्री और तकनीकी प्रणाली की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है।
हालांकि इस युवक को यह पैसा खर्च करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन वह कुछ समय के लिए भारत का सबसे अमीर व्यक्ति ज़रूर बन गया — भले ही गलती से ही सही।