रैपिडो ड्राइवर को महिला ने किया बॉडी शेम वायरल वीडियो से भड़का सोशल मीडिया

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जब वायरल वीडियो बनता है विवाद की वजह

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक महिला ने रैपिडो ड्राइवर का वीडियो बिना उसकी अनुमति के रिकॉर्ड किया और उसकी शारीरिक बनावट को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं। यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स—विशेषकर Instagram और X (पूर्व Twitter)—पर आग की तरह फैला।
लाखों लोगों ने इस महिला की आलोचना की, और मामला केवल ऑनलाइन ट्रोलिंग से बढ़कर नैतिक और कानूनी बहस का मुद्दा बन गया।


घटना का पूरा विवरण: महिला की हरकत और ड्राइवर की प्रतिक्रिया

वीडियो में महिला एक रैपिडो बाइक टैक्सी ड्राइवर के साथ नजर आ रही है। ड्राइवर शालीनता से सवारी कर रहा है, लेकिन महिला हँसी मजाक के अंदाज में उसके शरीर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करती है जैसे – “इतना भारी शरीर लेकर कैसे बाइक चला लेते हो?”
सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि यह वीडियो ड्राइवर की अनुमति के बिना रिकॉर्ड और अपलोड किया गया, जो कि भारतीय कानूनों के अनुसार निजता का उल्लंघन है।


सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया: जनता का गुस्सा और समर्थन

  • ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हजारों लोगों ने महिला के खिलाफ आवाज उठाई।

  • कई यूज़र्स ने लिखा: “यह सिर्फ बॉडी शेमिंग नहीं, इंसानियत की बेइज्जती है।”

  • कुछ ने यह भी कहा कि महिला को कानूनी नोटिस भेजा जाना चाहिए, क्योंकि उसने बिना इजाज़त वीडियो बनाया और इंटरनेट पर अपलोड किया।

  • कई लोग रैपिडो ड्राइवर के समर्थन में सामने आए और उसे सम्मान देने की अपील की।


कानूनी दृष्टिकोण: क्या कहता है भारतीय कानून?

भारत में आईटी अधिनियम 2000 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेती हैं:

  • धारा 66E (IT Act): बिना अनुमति किसी की छवि या वीडियो रिकॉर्ड करना दंडनीय अपराध है।

  • IPC धारा 509: किसी व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुँचाना—विशेषकर सार्वजनिक रूप से—एक दंडनीय अपराध है।
    यदि रैपिडो ड्राइवर शिकायत करता, तो महिला के खिलाफ कानूनी कार्यवाही संभव थी।


सोशल मीडिया की ज़िम्मेदारी

यह घटना केवल एक वीडियो नहीं है—यह एक समाजिक चेतावनी है। सोशल मीडिया पर कंटेंट बनाना अब एक ट्रेंड बन चुका है, लेकिन उसकी सीमाएं और ज़िम्मेदारियाँ समझना आवश्यक है।
हम सबको यह समझना होगा कि कोई व्यक्ति मजाक का पात्र नहीं है, खासकर जब वह अपनी मेहनत से कमाई कर रहा हो।
शरीर की बनावट पर टिप्पणी करना न सिर्फ अमानवीय है बल्कि असंवेदनशील भी।


 क्या हमें सोशल मीडिया के लिए अपनी इंसानियत बेचनी चाहिए?

आपका क्या विचार है? क्या ऐसी हरकतें कानून से रोकनी चाहिए या समाज खुद इन्हें नकार दे?
कमेंट करें, शेयर करें और सोचें – अगली बार कैमरा उठाने से पहले।

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