भारत में स्वास्थ्य शिक्षा को एक नया आयाम देने के लिए कई राज्य सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख नाम है राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (Rajiv Gandhi University of Health Sciences – RGUHS), जो कर्नाटक राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। यह विश्वविद्यालय न केवल चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि इसके द्वारा बनाई गई नीतियां और नियम पूरे राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों के लिए मार्गदर्शक का काम करते हैं। इस लेख में हम RGUHS के बारे में विस्तार से जानेंगे – इसका इतिहास, उद्देश्य, पाठ्यक्रम, सुविधाएं, और आने वाले समय में इसकी योजनाएं।
राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का इतिहास
राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना 1 जून 1996 को कर्नाटक सरकार द्वारा RGUHS अधिनियम 1994 के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा को एकीकृत करना और उसे उच्च स्तर की गुणवत्ता प्रदान करना था। इससे पहले विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों का संचालन अलग-अलग विश्वविद्यालयों के अधीन था, जिसके कारण शिक्षा के स्तर में असमानता थी। इस असमानता को दूर करने और चिकित्सा शिक्षा को एक समान रूप से उच्च गुणवत्ता प्रदान करने के लिए RGUHS की स्थापना की गई।
विश्वविद्यालय का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने तकनीकी और शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधारों की पहल की थी। यह विश्वविद्यालय आज भारत के सबसे बड़े स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है।
विश्वविद्यालय का उद्देश्य और महत्व
RGUHS की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य शिक्षा को सुदृढ़ करना और छात्रों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है। इसके प्रमुख लक्ष्य निम्नलिखित हैं –
चिकित्सा और स्वास्थ्य विज्ञान शिक्षा में गुणवत्ता बनाए रखना।
समान पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली को लागू करना।
शोध और नवाचार को बढ़ावा देना।
छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण देना।
स्वास्थ्य क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने योग्य प्रोफेशनल तैयार करना।
आज RGUHS न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे भारत में अपनी शिक्षा पद्धति और मानकों के लिए प्रसिद्ध है।
RGUHS से जुड़े कॉलेज और संस्थान
राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन कर्नाटक में 200 से अधिक कॉलेज आते हैं। इनमें मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग, फार्मेसी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और अन्य हेल्थ साइंस से जुड़े संस्थान शामिल हैं। कुछ प्रमुख संबद्ध कॉलेज निम्नलिखित हैं –
मैसूर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट
सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज
कर्नाटक मेडिकल कॉलेज, हुबली
राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट डिजीजेस (SDS ट्यूबरकुलोसिस सैनिटोरियम)
इन कॉलेजों के जरिए हजारों छात्र हर साल स्वास्थ्य विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं।
पाठ्यक्रम और कोर्स
RGUHS स्वास्थ्य विज्ञान से जुड़े लगभग सभी कोर्स प्रदान करता है। इन कोर्सों में स्नातक (UG), स्नातकोत्तर (PG), डिप्लोमा और पीएचडी तक की पढ़ाई शामिल है। प्रमुख कोर्स निम्नलिखित हैं –
MBBS (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी)
BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)
B.Pharm और M.Pharm (फार्मेसी)
B.Sc नर्सिंग और M.Sc नर्सिंग
BAMS (आयुर्वेदिक चिकित्सा)
BHMS (होम्योपैथी)
BUMS (यूनानी चिकित्सा)
MD/MS (स्नातकोत्तर चिकित्सा)
Ph.D. (अनुसंधान कार्यक्रम)
प्रवेश प्रक्रिया मुख्य रूप से राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाओं जैसे NEET और अन्य संबंधित परीक्षाओं के आधार पर होती है।
विश्वविद्यालय की सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर
राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का मुख्यालय बैंगलोर (जयनगर, कर्नाटक) में स्थित है। वर्तमान में इसका स्थायी कैंपस तैयार हो रहा है, जो लगभग 180 एकड़ में फैला होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करने की योजना बनाई है –
एडवांस्ड स्किल लैब्स: आधुनिक तकनीक के साथ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए।
मॉडल मेडिकल कॉलेज: जहां छात्रों को सैद्धांतिक और प्रैक्टिकल ज्ञान एक साथ मिलेगा।
डिजिटल लाइब्रेरी: ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल और रिसर्च जर्नल्स के लिए।
ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म: ऑनलाइन कोर्स और वेबिनार।
स्पोर्ट्स और रिक्रिएशनल सुविधाएं: छात्रों के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए।
इसके अलावा, एक रीजनल सेंटर मंगलुरु में बन रहा है, जो सितंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसमें स्पोर्ट्स एरिया, मल्टीपर्पज ट्रेनिंग हॉल और स्किल डेवलपमेंट लैब्स होंगी।
छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता
RGUHS छात्रों को विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है। इनमें राज्य सरकार, केंद्र सरकार और विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली स्कॉलरशिप शामिल है। यह सहायता मुख्य रूप से निम्नलिखित आधारों पर दी जाती है –
शैक्षणिक योग्यता (Merit-Based Scholarship)
आर्थिक स्थिति (Income-Based Scholarship)
विशेष श्रेणी (Reserved Category Scholarship)
छात्र इन छात्रवृत्तियों के लिए विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित राज्य पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकते हैं।
भविष्य की योजनाएं
RGUHS आने वाले समय में स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में कई नए कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। इसमें शामिल हैं –
कर्नाटक में अधिक रीजनल सेंटर्स की स्थापना।
हाई-टेक मेडिकल रिसर्च लैब्स का निर्माण।
डिजिटल लर्निंग और वर्चुअल क्लासरूम को बढ़ावा देना।
अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ सहयोग।
इन कदमों से न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश में चिकित्सा शिक्षा के स्तर में सुधार होगा।
निष्कर्ष
राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय कर्नाटक का ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का एक प्रमुख स्वास्थ्य शिक्षा केंद्र है। यह न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देता है, बल्कि शोध और नवाचार के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करता है। यदि आप चिकित्सा या स्वास्थ्य विज्ञान के किसी भी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो RGUHS से बेहतर विकल्प बहुत कम मिलेंगे।